Monday, January 23, 2012

महफूज़ रखी है अपने पास हर शै उनकी


हो जाए है शरारत अक्सर जवानी  में |
आये है मोड़ ऐसा  हर जिन्दगानी में ||
 

किसको कह दे बुरा और किसे कहें अच्छा ,
कोई किरदार ना है अपनी कहानी में |
 

हम  कैसे कामयाब होते अपने मकसद में,
सबसे कमजोर जो थे हम  दिल-सितानी में |
 

आसान किस तरह कहें  सफरे-मुहब्बत को,
आयें लाखों  मुशिकलें इस की रवानी में |
 


महफूज़  रखी है अपने पास हर शै उनकी ,
जो दी थी उसने कभी उल्फत की निशानी में


6 comments:

  1. बेहतरीन प्रस्तुती....
    गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ.

    ReplyDelete
    Replies
    1. धन्यवाद रीना मौर्या जी ....हार्दिक आभार . आपको भी गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ.

      Delete
  2. Replies
    1. धन्यवाद ओंकार जी उत्साहित करने हेतु हार्दिक आभार
      गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ.

      Delete
  3. बहुत सुंदर बेहतरीन प्रस्तुति,अच्छी रचना,..

    WELCOME TO NEW POST --26 जनवरी आया है....

    गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाए.....

    ReplyDelete

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...